SINDHU GHATI SABHYATA (सिंधु घाटी सभ्यता )
सिंधु घाटी सभ्यता
इतिहास का पिता /जनक --   हेरोडोटस , राष्ट्र -- यूनान , कृति --  हिस्टोरिका , भाषा -- लैटिन , भारत आया -- 5वी शताब्दी ईशा पूर्व में।  इतिहास का जन्म  -- यूनान देश में हुआ। 
इतिहास का पिता /जनक --   हेरोडोटस , राष्ट्र -- यूनान , कृति --  हिस्टोरिका , भाषा -- लैटिन , भारत आया -- 5वी शताब्दी ईशा पूर्व में।  इतिहास का जन्म  -- यूनान देश में हुआ। 
सिंधु घाटी सभ्यता
- सिंधु नदी की दिशा भारतीय उपमहाद्वीप की पश्चिमोत्तर में विकसित हुई।
 - सिंधु घाटी सभ्यता नाम का प्रथम उच्चारण -- सर जॉन मार्शल ने किया।
 - सिंधु नदी घाटी की आकृति -- त्रिभुजाकार थी।
 - सिंधु घाटी सभ्यता को कांस्ययुगीन सभ्यता कहा जाता है।
 - सिंधु नदी सभ्यता से पहले ताम्र धातु का प्रयोग होता था।
 - भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के अनुसार -- हड़प्पा सभ्यता
 - प्रथम नगरीय सभ्यता , नगरों की आकृति - आयताकार (लम्बाई अधिक चौड़ाई कम ) होती थी।
 - सभ्यता के अवशेषों की और ध्यान आकर्षण --चाल्र्स मेनन ,1826 ई.में
 - रेलवे पटरी ( लाहौर से कराची ) खोज -- विलियम व्रून्टुन व् जॉन व्रून्टुन , 1857 ई.में
 - भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की स्थापना -- 1904 ई.में , कर्जन द्वारा , मुख्यालय - कलकत्ता।
 - 1921 ई.में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण का निदेशक -- जॉन मार्शल व् दयाराम साहनी
 - जॉन मार्शल के अनुसार सिंधु घाटी सभ्यता का पतन 3250 - 2750 ई.पू. में हुआ।
 - C -14 रेडियो प्रणाली के अनुसार इस सभ्यता का पतन -- 2300 - 1750 ई.पू.में
 - सिन्धु सभ्यता में लोगो के जीवन में घोडा नियमित प्रचलन में नहीं था।
 - सुरकोटड़ा में हमे घोड़े की मृण / मिट्टी की मूर्ति मिली।
 - कपास सिन्धु सभ्यता से ही बोया जा रहा है यूनानियों ने इसे सीडन कह कर पुकारा है।
 - सिंधु सभ्यता में नौ प्रकार के अनाजो का उपयोग होता था।
 - कृषि के अवशेष पहली बार - मेहरगढ़ में, व् सिंचाई की जानकारी - मुंडीगाक में ( अफगानिस्तान ) पहलीबार मिले।
 - सिंधु सभ्यता आद्य ऐतिहासिक काल की है।
 - हड़प्पा वासियो को दशमलव प्रणाली का ज्ञान था।
 - सर्वाधिक मोहरे - मोहन जोदड़ो से मिली।
 
हड़प्पा
- सिंधु घाटी सभ्यता की राजधानी / केंद्रीय नगर
 - खोज - दयाराम साहनी , 1921 ई. में , मोंटगोमरी जिला (पाकिस्तान ), नदी - रावी ,
 - हड़प्पा में दो पंक्तियों में 12 अन्नागार प्राप्त हुए।
 - R -37 ,R -34 कब्रिस्तान प्राप्त।
 - श्रमिक आवास। कांस्य दर्पण।
 - कांस्य की इक्का गाड़ी।
 - बंदर का खिलौना।
 - सैलकडी मिटटी की मोहरे।
 - महिला के गर्भ से निकला हुआ पौधा।
 - शव पेटिका।
 - अन्नागार - हड़प्पा -12 , मोहन जोदडो - 4 , लोथल - 3 , कालीबंगा - 1 .
 
मोहन जोदड़ो
- खोज - राखल दास बनर्जी , 1922 ई.में , लरकाना जिला ( पाकिस्तान ), राज्य - सिंध ,नदी - सिंधु।
 - सिंधु घाटी सभ्यता की दूसरी राजधानी।
 - सिंध का नकलिस्तान।
 - सरमार्टिन व्हीलर ने मोहनजोदड़ो को मृतकों का टीला कहा।
 - स्टुवर्ट पिग्गट ने हड़प्पा व् मोहनजोदड़ो को सिंधु घाटी सभ्यता की जुड़वा राजधानी कहा।
 - पुरोहित आवास
 - राजमार्ग ,सूती कपड़ा
 - कांस्य की नृतिका मूर्ति
 - हाथी का कपाल खंड
 - महाविद्यालय ,योगी की मुद्रा
 - माप - तोल के बाट 16 :32
 - कांस्य की डंडी
 - कुबड़ वाला बैल , ताम्र पत्र पर
 - विशाल स्नानागार
 - पशुपति शिव , गैंडा ,भैसा ,हाथी ,शेर (व्याघ्र ) ,हिरण (दो).
 - मोहरे मिली जिनके पिछे की तरफ लिपि के अक्षर - 4 है।
 
लोथल
- उपनाम -- लघु हड़प्पा ,लघु मोहनजोदड़ो ,सिंधु सभ्यता की लघु राजधानी।
 - स्थान - जिला -अहमदाबाद ,राज्य - गुजरात ,अंचल - काठियावाड़ ,नदी - साबरमती व् भोगवा नदी संगम पर।
 - उत्खनन कर्ता -- रंगनाथ राव। 1955ई. में।
 - अवशेष -- जले हुए चारे की भूसी।
 - आटे पीसने की चक्की प्राप्त हुई।
 - फारस की मुद्राएँ
 - युग्मित समाधियाँ
 - मिश्र की मम्मी के साक्ष्य।
 - गोडवाड़ा /डॉकयार्ड /बंदरगाह के अवशेष मिले जिससे यंहा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का केंद्र रहा होगा।
 - मृदभांड (मिटटी के बर्तन ) के अवशेष। मृदभांड पर चालाक लोमड़ी , कौआ ,वृक्ष का चित्र मिला।
 - सिंधु घाटी के सर्वाधिक स्थल - गुजरात में छः (6) .
 - गुजरात के दो अंचल -- (1) कच्छ का रण। (2 ) काठियावाड़
 - कच्छ के रण का उत्तरी स्थल - देशलपुर , सुरकोटड़ा , धोलावीरा।
 - काठियावाड़ के स्थल - लोथल ,रंगपुर ,रोजड़ी।
 
धोलावीरा
- उत्खननं कर्त्ता -- सर रविन्द्र बिष्ठ। 1991 - 92 ,विशेष - नगरों की संख्या तीन (1) पश्चिम (2) मध्यम (3) पूर्वी नगर स्टेडियम के साक्ष्य।
 - कृत्रिम जलाशय।
 - फव्वारे
 - सबसे नवीन नगर।
 - बाँध बनाने के प्रमाण।
 
बणावली
- उत्खनन कर्ता -- रविन्द्र सिंह बिष्ट। 1973 में ,हरियाणा , वर्तमान घग्गर नदी पर। लुप्त सरस्वती /द्वशदती /नदीत्मा।
 - उच्च श्रेणी के जौ।
 - ताम्र कुल्हाड़ी
 - ताम्बे के बाण।
 - हल का टेरीकोटा (खिलौना)
 
चन्हूदड़ो
- उत्खनन कर्त्ता -- 1931 में ,गोपालमजुमदार , सिंधु नदी पकिस्तान।
 - अवशेष -- मनका मोती बनाने का कारखाना।
 - स्याही की दवात।
 - श्रृंगार पेटिका।
 - लिपिष्टिक के प्रमाण
 - बिल्ली के पीछे दौड़ते हुए कुत्ते के पद चिन्ह।
 
आमरी
- गेंडा के नमूने
 - बारहसिंगों के साक्ष्य।
 
विशेष  --   हड़प्पा  सभ्यता का  एकमात्र स्थान जँहा पर चांदी के दो मुकुट मिले -- कुणाल (हरियाणा )
- सिन्धु सभ्यता का एक मात्र केंद्र जँहा मानव के साथ कुत्ते की कब्र के साक्ष्य मिले -- रोपड़ (पंजाब )
 - रोपड़,राज्य - पंजाब ,नदी - सतलज ,
 - उत्खनन कर्ता - यज्ञदत्त शर्मा।
 - सिंधु सभ्यता का विस्तार - तेरह लाख वर्ग किलोमीटर।
 - वर्तमान में -- भारत, पाक , अफगानिस्तान।
 - उत्तर में - मांडा तक ,नदी - स्वात ,राज्य - जम्मू और कश्मीर।
 - दक्षिण में - दैमाबाद /दायमाबाद ,नदी - गोदावरी , राज्य - महाराष्ट्र।
 - पूर्व में - आलमगीरपुर ,नदी - हिण्डन ,राज्य - सहारनपुर (उत्तरप्रदेश)।
 - पश्चिम में -सुत्तकागेंडोर ,नदी - दाश्क ,स्थान - ब्लूचिस्तान (पाक ),उत्खनन कर्ता - आर.एल.स्टाईन।
 - अग्निकुण्ड प्राप्त हुए -- कालीबंगा ,लोथल ,राखीगढ़ी।
 
Very useful information sir.
ReplyDeleteSindhu Sabhyata Gk In Hindi