SINDHU GHATI SABHYATA (सिंधु घाटी सभ्यता ) - Dhara Job GK

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Wednesday, June 19, 2019

SINDHU GHATI SABHYATA (सिंधु घाटी सभ्यता )

SINDHU GHATI SABHYATA (सिंधु घाटी सभ्यता )

सिंधु घाटी सभ्यता 

इतिहास का पिता /जनक --   हेरोडोटस , राष्ट्र -- यूनान , कृति --  हिस्टोरिका , भाषा -- लैटिन , भारत आया -- 5वी शताब्दी ईशा पूर्व में।  इतिहास का जन्म  -- यूनान देश में हुआ। 

सिंधु घाटी सभ्यता 


  • सिंधु नदी की दिशा भारतीय उपमहाद्वीप की पश्चिमोत्तर में विकसित हुई। 
  • सिंधु घाटी सभ्यता नाम का प्रथम उच्चारण  -- सर जॉन मार्शल ने किया। 
  • सिंधु नदी घाटी की आकृति  -- त्रिभुजाकार  थी। 
  • सिंधु  घाटी सभ्यता को कांस्ययुगीन सभ्यता कहा जाता है। 
  • सिंधु नदी सभ्यता से पहले ताम्र धातु का प्रयोग होता था। 
  • भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के अनुसार --  हड़प्पा सभ्यता 
  • प्रथम नगरीय सभ्यता , नगरों की आकृति - आयताकार  (लम्बाई अधिक चौड़ाई कम ) होती थी। 
  • सभ्यता के अवशेषों की और ध्यान आकर्षण  --चाल्र्स मेनन ,1826 ई.में 
  • रेलवे पटरी ( लाहौर से कराची ) खोज  --  विलियम व्रून्टुन व्  जॉन व्रून्टुन , 1857 ई.में 
  • भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की स्थापना  -- 1904 ई.में , कर्जन द्वारा , मुख्यालय - कलकत्ता। 
  • 1921 ई.में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण का निदेशक -- जॉन मार्शल व्   दयाराम साहनी 
  • जॉन मार्शल के अनुसार सिंधु घाटी सभ्यता का पतन 3250 -  2750 ई.पू. में हुआ। 
  • C -14 रेडियो प्रणाली के अनुसार इस सभ्यता का पतन --  2300 - 1750 ई.पू.में 
  • सिन्धु  सभ्यता में लोगो के जीवन में घोडा नियमित प्रचलन में नहीं था। 
  • सुरकोटड़ा में हमे घोड़े की मृण / मिट्टी की मूर्ति मिली। 
  • कपास सिन्धु सभ्यता से ही बोया जा रहा है यूनानियों ने इसे सीडन कह कर  पुकारा है। 
  • सिंधु सभ्यता में नौ प्रकार के अनाजो का उपयोग होता था। 
  • कृषि के अवशेष पहली बार - मेहरगढ़ में, व् सिंचाई की जानकारी - मुंडीगाक में ( अफगानिस्तान ) पहलीबार मिले। 
  • सिंधु सभ्यता आद्य ऐतिहासिक काल की है।
  • हड़प्पा वासियो को दशमलव प्रणाली का ज्ञान था। 
  • सर्वाधिक मोहरे - मोहन जोदड़ो से मिली। 

हड़प्पा 

  • सिंधु घाटी सभ्यता की राजधानी / केंद्रीय नगर   
  • खोज - दयाराम साहनी , 1921 ई. में , मोंटगोमरी जिला (पाकिस्तान ), नदी - रावी ,
  • हड़प्पा में दो पंक्तियों में 12 अन्नागार प्राप्त हुए। 
  • R -37 ,R -34 कब्रिस्तान प्राप्त। 
  • श्रमिक आवास। कांस्य दर्पण। 
  • कांस्य की इक्का गाड़ी। 
  • बंदर का खिलौना।
  • सैलकडी मिटटी की मोहरे। 
  • महिला के गर्भ से निकला हुआ पौधा। 
  • शव पेटिका। 
  •  अन्नागार - हड़प्पा -12 , मोहन जोदडो - 4 , लोथल - 3 , कालीबंगा - 1 . 

मोहन जोदड़ो 

  • खोज - राखल दास बनर्जी ,   1922 ई.में ,   लरकाना जिला ( पाकिस्तान ),  राज्य - सिंध ,नदी -  सिंधु।
  • सिंधु घाटी  सभ्यता की दूसरी राजधानी।
  • सिंध का नकलिस्तान।
  • सरमार्टिन व्हीलर ने मोहनजोदड़ो को मृतकों का  टीला कहा।
  • स्टुवर्ट पिग्गट ने हड़प्पा व् मोहनजोदड़ो को सिंधु घाटी सभ्यता की जुड़वा राजधानी कहा।
  •  पुरोहित आवास
  • राजमार्ग ,सूती कपड़ा
  •  कांस्य की नृतिका मूर्ति
  • हाथी का कपाल खंड
  • महाविद्यालय ,योगी की मुद्रा
  • माप - तोल के बाट  16 :32
  • कांस्य की डंडी
  • कुबड़ वाला बैल , ताम्र पत्र पर
  • विशाल स्नानागार
  • पशुपति शिव , गैंडा ,भैसा ,हाथी ,शेर (व्याघ्र ) ,हिरण (दो).
  • मोहरे मिली  जिनके पिछे की तरफ लिपि के अक्षर -  4   है।

लोथल 

  • उपनाम --  लघु हड़प्पा ,लघु मोहनजोदड़ो ,सिंधु सभ्यता की लघु राजधानी।
  • स्थान  -  जिला -अहमदाबाद ,राज्य - गुजरात ,अंचल - काठियावाड़ ,नदी - साबरमती व्  भोगवा नदी  संगम   पर।
  • उत्खनन कर्ता  -- रंगनाथ राव।  1955ई. में।
  • अवशेष -- जले हुए चारे की भूसी।
  • आटे पीसने की चक्की प्राप्त हुई।
  • फारस की  मुद्राएँ 
  • युग्मित समाधियाँ
  • मिश्र की मम्मी के साक्ष्य।
  • गोडवाड़ा /डॉकयार्ड /बंदरगाह के अवशेष मिले जिससे यंहा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का केंद्र रहा होगा।
  • मृदभांड (मिटटी के बर्तन ) के अवशेष। मृदभांड पर चालाक लोमड़ी , कौआ ,वृक्ष का चित्र मिला।
  • सिंधु घाटी के सर्वाधिक स्थल -  गुजरात में छः (6) .
  • गुजरात के दो अंचल --  (1) कच्छ का रण।   (2 ) काठियावाड़
  • कच्छ के रण का उत्तरी स्थल - देशलपुर , सुरकोटड़ा , धोलावीरा।
  • काठियावाड़ के स्थल - लोथल ,रंगपुर ,रोजड़ी।

धोलावीरा 

  • उत्खननं कर्त्ता  --  सर रविन्द्र बिष्ठ।  1991 - 92 ,विशेष -  नगरों की संख्या तीन (1) पश्चिम (2) मध्यम (3) पूर्वी नगर स्टेडियम के साक्ष्य। 
  • कृत्रिम जलाशय।
  • फव्वारे
  • सबसे नवीन नगर।
  • बाँध बनाने के प्रमाण।

बणावली 

  • उत्खनन कर्ता  -- रविन्द्र सिंह बिष्ट।  1973 में ,हरियाणा , वर्तमान घग्गर नदी पर। लुप्त सरस्वती /द्वशदती /नदीत्मा। 
  • उच्च श्रेणी के जौ। 
  • ताम्र कुल्हाड़ी 
  • ताम्बे के बाण। 
  • हल का  टेरीकोटा (खिलौना)

चन्हूदड़ो 

  • उत्खनन कर्त्ता  --  1931 में ,गोपालमजुमदार , सिंधु नदी पकिस्तान। 
  • अवशेष  --  मनका मोती बनाने का कारखाना। 
  •  स्याही की दवात। 
  • श्रृंगार पेटिका। 
  • लिपिष्टिक के प्रमाण 
  • बिल्ली के पीछे दौड़ते हुए कुत्ते के पद चिन्ह। 

आमरी 

  • गेंडा  के नमूने 
  • बारहसिंगों के साक्ष्य। 


विशेष  --   हड़प्पा  सभ्यता का  एकमात्र स्थान जँहा पर चांदी के दो मुकुट मिले -- कुणाल (हरियाणा )

  • सिन्धु सभ्यता का एक मात्र केंद्र जँहा मानव के साथ कुत्ते की कब्र के साक्ष्य मिले  --   रोपड़ (पंजाब )
  • रोपड़,राज्य - पंजाब ,नदी - सतलज ,
  • उत्खनन कर्ता -  यज्ञदत्त शर्मा। 
  • सिंधु सभ्यता का विस्तार - तेरह  लाख वर्ग किलोमीटर। 
  • वर्तमान में  -- भारत, पाक , अफगानिस्तान। 
  • उत्तर में - मांडा तक ,नदी - स्वात ,राज्य - जम्मू और कश्मीर। 
  • दक्षिण में - दैमाबाद /दायमाबाद ,नदी - गोदावरी , राज्य - महाराष्ट्र। 
  • पूर्व में  -  आलमगीरपुर ,नदी - हिण्डन ,राज्य - सहारनपुर (उत्तरप्रदेश)। 
  • पश्चिम में -सुत्तकागेंडोर ,नदी - दाश्क ,स्थान -  ब्लूचिस्तान (पाक ),उत्खनन कर्ता - आर.एल.स्टाईन।
  • अग्निकुण्ड प्राप्त हुए --  कालीबंगा ,लोथल ,राखीगढ़ी।  

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