--- वैश्वीकरण ---
वैश्वीकरण का इतिहास ---- 1930 की आर्थिक मंदी के दुष्परिणामों से यूरोप के राष्ट्रो को मुक्ति दिलाने के उद्धस्य से अर्थशाष्त्रियो के सुझाओ पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर वस्तु विनिमय की प्रक्रिया आरम्भ हुई जिसके परिणामस्वरूप वैश्वीकरण अस्तित्व में आया |
आधुनिक सन्दर्भ में वैश्वीकरण के साथ निजीकरण व् उदारीकरण संयुक्त रूप से रहते हैं !
--- भूमंडलीकरण ( वैश्वीकरण ) -- किसी राष्ट्र द्वारा आर्थिक लाभ कमाने के उद्धष्य से अपने राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को विश्व के अन्य राष्ट्रो के साथ जोड़ देना जिसमे WTO बिचोलियो ( मध्यस्थ )की भूमिका निभाता है !
--- दूसरे शब्दों में विपणन प्रक्रिया का राष्ट्रीयकरण भूमंडलीकरण हैं !
--- निजीकरण --
-- किसी राष्ट्र द्वारा आर्थिक लाभ हेतु अपने सार्वजानिक उपकर्मो को आंशिक या पूर्ण रूप से निजी हाथो में सौपना !
--- उदारीकरण ---
किसी राष्ट्र द्वारा आर्थिक लाभ हेतु अपनी आर्थिक नीतियों को शिथिल ( परिवर्तित ) बनाना !
--- भारत में L . P .G . का दौर - 1991 में अपनाया गया - प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हाराव को इसी लिए आर्थिक विकास जनक कहा जाता हैं। ,
--- वैश्वीकरण शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम थियोडोर लेविट द्वारा।
--- वैश्विक गाँव का प्रयोग -- मैक्लूहन द्वारा।
--- भारत में वैश्वीकरण का जनक समाजशास्त्री -- रॉबर्टसन जाता हैं।
--- वैश्वीकरण के स्तम्भ --
(१ ) मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था
(२) सुचना प्रोधौगिकी
(३ ) पूंजी का स्वतंत्र प्रवाह -जिसमे परस्पर सहयोग मूल भूमिका निभाते हैं।
--- वैश्वीकरण के अंग ---
-- व्यापार अवरोधको को कम करना ताकि पूंजी का स्वतंत्र रूप से प्रवाह हो सके।
-- विश्व स्तर पर ऐसी स्थितिया उत्तपन करना ताकि समस्त राष्ट्रो में तकनीकों का बिना किसी बाधा के प्रवाह हो सके।
--- विश्व स्तर पर ऐसा वातावरण तैयार करना की वस्तु विनिमय की क्रिया में विकसित व् विकासशील प्रथम, द्वितीय ,व् तृतीय विश्व का भेद समाप्त हो सके।
--- तृतीय विश्व शब्द का प्रयोग विकासशील राष्ट्रो के लिए अल्फ्रेड सोवी ने किया।
-- वैश्वीकरण के दोष --
-- छोटे उद्योग समाप्त हो जाते है तथा बहुराष्ट्रीय कम्पनियो का जाल फ़ैल जाता हैं।
-- भ्रष्टाचार एव आतंकवाद का विकास।
-- अर्थनीति व् राजनीती में विरोधाभास जिसके परिणामस्वरूप्प राजनीतीक अर्थशास्त्र जन्म ले रहा हैं।
-- आर्थिक सत्ता का केन्द्रीयकरण।
-- विश्व की सम्प्रभुता का आधार।
-- भौतिक वादी संस्कृति का विकास।
-- ब्रांड अपनाने की प्रवर्ति ने सामाजिक विकृतियों को जन्म दिया हैं।
--- वैश्वीकरण के लाभ ---
-- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा।
-- ज्ञान का तेजी से प्रसार।
-- परिवहन व् संचार की लागत कम होना।
-- व्यापार द्वारा विदेशी मुद्रा अर्जित करना।
--- वैश्वीकरण को संचालित करने वाले संगठन --
-- WTO -विश्व व्यापार संगठन (जिनेवा ,स्विजरलैंड )
-- IMF ( वाशिंगटन ) अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष।
-- विश्व बैंक (वाशिंगटन )
वैश्वीकरण का इतिहास ---- 1930 की आर्थिक मंदी के दुष्परिणामों से यूरोप के राष्ट्रो को मुक्ति दिलाने के उद्धस्य से अर्थशाष्त्रियो के सुझाओ पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर वस्तु विनिमय की प्रक्रिया आरम्भ हुई जिसके परिणामस्वरूप वैश्वीकरण अस्तित्व में आया |
आधुनिक सन्दर्भ में वैश्वीकरण के साथ निजीकरण व् उदारीकरण संयुक्त रूप से रहते हैं !
--- भूमंडलीकरण ( वैश्वीकरण ) -- किसी राष्ट्र द्वारा आर्थिक लाभ कमाने के उद्धष्य से अपने राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को विश्व के अन्य राष्ट्रो के साथ जोड़ देना जिसमे WTO बिचोलियो ( मध्यस्थ )की भूमिका निभाता है !
--- दूसरे शब्दों में विपणन प्रक्रिया का राष्ट्रीयकरण भूमंडलीकरण हैं !
--- निजीकरण --
-- किसी राष्ट्र द्वारा आर्थिक लाभ हेतु अपने सार्वजानिक उपकर्मो को आंशिक या पूर्ण रूप से निजी हाथो में सौपना !
--- उदारीकरण ---
किसी राष्ट्र द्वारा आर्थिक लाभ हेतु अपनी आर्थिक नीतियों को शिथिल ( परिवर्तित ) बनाना !
--- भारत में L . P .G . का दौर - 1991 में अपनाया गया - प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हाराव को इसी लिए आर्थिक विकास जनक कहा जाता हैं। ,
--- वैश्वीकरण शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम थियोडोर लेविट द्वारा।
--- वैश्विक गाँव का प्रयोग -- मैक्लूहन द्वारा।
--- भारत में वैश्वीकरण का जनक समाजशास्त्री -- रॉबर्टसन जाता हैं।
--- वैश्वीकरण के स्तम्भ --
(१ ) मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था
(२) सुचना प्रोधौगिकी
(३ ) पूंजी का स्वतंत्र प्रवाह -जिसमे परस्पर सहयोग मूल भूमिका निभाते हैं।
--- वैश्वीकरण के अंग ---
-- व्यापार अवरोधको को कम करना ताकि पूंजी का स्वतंत्र रूप से प्रवाह हो सके।
-- विश्व स्तर पर ऐसी स्थितिया उत्तपन करना ताकि समस्त राष्ट्रो में तकनीकों का बिना किसी बाधा के प्रवाह हो सके।
--- विश्व स्तर पर ऐसा वातावरण तैयार करना की वस्तु विनिमय की क्रिया में विकसित व् विकासशील प्रथम, द्वितीय ,व् तृतीय विश्व का भेद समाप्त हो सके।
--- तृतीय विश्व शब्द का प्रयोग विकासशील राष्ट्रो के लिए अल्फ्रेड सोवी ने किया।
-- वैश्वीकरण के दोष --
-- छोटे उद्योग समाप्त हो जाते है तथा बहुराष्ट्रीय कम्पनियो का जाल फ़ैल जाता हैं।
-- भ्रष्टाचार एव आतंकवाद का विकास।
-- अर्थनीति व् राजनीती में विरोधाभास जिसके परिणामस्वरूप्प राजनीतीक अर्थशास्त्र जन्म ले रहा हैं।
-- आर्थिक सत्ता का केन्द्रीयकरण।
-- विश्व की सम्प्रभुता का आधार।
-- भौतिक वादी संस्कृति का विकास।
-- ब्रांड अपनाने की प्रवर्ति ने सामाजिक विकृतियों को जन्म दिया हैं।
--- वैश्वीकरण के लाभ ---
-- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा।
-- ज्ञान का तेजी से प्रसार।
-- परिवहन व् संचार की लागत कम होना।
-- व्यापार द्वारा विदेशी मुद्रा अर्जित करना।
--- वैश्वीकरण को संचालित करने वाले संगठन --
-- WTO -विश्व व्यापार संगठन (जिनेवा ,स्विजरलैंड )
-- IMF ( वाशिंगटन ) अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष।
-- विश्व बैंक (वाशिंगटन )
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